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3 October 2013
प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री प्रवीर कृष्ण ने आज यहाँ टेली मेडिसिन योजना का शुभारंभ किया। भोपाल स्थित 'एम्स'' में स्थापित सेन्टर से योजना का शुभारंभ हुआ। इसके साथ ही प्रदेश को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और मोबाइल मेडिसिन की सुविधा भी प्राप्त होगी। प्रदेश के तीन मेडिकल कॉलेज भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर के साथ सीधी, शहडोल, शाजापुर, बैतूल, खरगोन, मंदसौर, मण्डला, बालाघाट, झाबुआ, श्योपुरकला के जिला चिकित्सालयों को टेली मेडिसिन की सुविधा से जोड़ा गया है। बाद में अन्य जिलों को भी इस सुविधा से जोड़े जाने की योजना है।
श्री प्रवीर कृष्ण ने कहा कि टेली मेडिसिन द्वारा जिलों के चिकित्सक चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों से परामर्श कर सकेंगे, जिससे गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के उपचार में सुविधा प्राप्त हो सकेगी। वर्तमान में दिल्ली, भोपाल, लखनऊ, चण्डीगढ़ के चिकित्सा विशेषज्ञों से प्रदेश के जिला चिकित्सालयों के चिकित्सक परामर्श प्राप्त कर सकेंगे।
इसके साथ ही प्रदेश को मोबाइल मेडिसिन की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके द्वारा रोगी सामान्य रोगों के लक्षण टेलीफोन पर चिकित्सकों को बताकर उपचार प्राप्त कर सकेंगे। चिकित्सक द्वारा रोगों के लक्षण जानकर संबंधित मरीज को एस.एम.एस. के माध्यम से दवा की जानकारी दी जायेगी। अपने मोबाइल पर एस.एम.एस. को चिकित्सालय में दिखाने पर मरीज नि:शुल्क दवा प्राप्त कर सकेंगे। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त श्री पंकज अग्रवाल, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की राज्य संचालक श्रीमती एम. गीता, स्वास्थ्य संचालक श्री संजय गोयल, एम्स भोपाल के अधिकारी एवं संबंधित चिकित्सक उपस्थित थे। प्रमुख सचिव ने कोलार डिस्पेंसरी का निरीक्षण किया
प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री प्रवीर कृष्ण ने आज कोलार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के नवनिर्मित भवन का निरीक्षण कर वहाँ संचालित स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली। श्री प्रवीर कृष्ण ने अस्पताल भवन में पर्याप्त साफ-सफाई, पार्किंग एवं रख-रखाव के संबंध में निर्देश दिये। उन्होंने वहाँ प्रसूति कक्ष में 30 बिस्तर के स्थान पर 50 बिस्तर बढ़ाने के निर्देश भी दिये। श्री प्रवीर कृष्ण ने कहा कि जन-सामान्य की जानकारी के लिये प्रसूति कक्ष के बाहर जननी सुरक्षा 108 कॉल सेन्टर और प्रसूति के लिये शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी के बोर्ड लगाये जायें। उन्होंने ममता, आस्था और कायाकल्प से संबंधित अभियानों के अनुसार नियमित व्यवस्था करने के निर्देश भी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को दिये। उन्होंने कोलार डिस्पेंसरी में दो मेडिकल ऑफिसर तुरन्त ही नियुक्त करने के निर्देश भी दिये। उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में 364.97 लाख की राशि से कोलार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण हुआ है। इसमें अगस्त माह से अभी तक 4,628 व्यक्ति ने उपचार करवाया एवं 65 डिलेवरी हुई।
1 October 2013
संजीवनी-108 एम्बुलेंस सेवा तथा जननी एक्सप्रेस वाहनों का परिचालन अब केन्द्रीय कॉल
सेंटर के माध्यम से 6 सिंचाई परियोजना के लिए 1720 करोड़ रुपये की स्वीकृति, मुख्यमंत्री
ब्याज अनुदान योजना तथा मुख्यमंत्री कारीगर स्व-रोजगार योजना का अनुसमर्थन, बैराढ़
को तहसील दर्जा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न मंत्रि-परिषद्
की बैठक में संजीवनी-108 एम्बुलेंस सेवा तथा जननी एक्सप्रेस वाहनों को समन्वित रूप
से केन्द्रीय कॉल सेंटर के माध्यम से परिचालित करने का निर्णय लिया। इससे इन वाहनों
की और प्रभावी मॉनीटरिंग हो सकेगी और व्यय में भी कटौती होगी।
निर्णय के अनुसार अब संजीवनी-108 एम्बुलेंस के साथ-साथ सभी जननी एक्सप्रेस वाहनों को
भी जीव्हीके ईएमआरआई द्वारा संचालित केन्द्रीय कॉल सेंटर के साथ सम्बद्ध किया जायेगा।
इससे एक टोल-फ्री नम्बर 108 से दोनों प्रकार के वाहन उपलब्ध हो सकेंगे। कॉल सेंटर की
क्षमता में आवश्यक वृद्धि की जायेगी जिससे प्रदेश में परिचालित सभी जननी एक्सप्रेस
वाहनों तथा संजीवनी-108 वाहन का नियंत्रण केन्द्रीय कॉल सेंटर के माध्यम से किया जा
सके। मंत्रि-परिषद् ने 6 सिंचाई परियोजना के लिए 1720 करोड़ 30 लाख 88 हजार रुपये की
स्वीकृति दी। कोलार वृहद सिंचाई परियोजना के सैंच्य क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन कार्यक्रम
क्रियान्वयन के लिए 84 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। परियोजना का सैंच्य
क्षेत्र 45 हजार 87 हेक्टेयर है। वर्ष 2012-13 में परियोजना से 33 हजार 427 हेक्टेयर
क्षेत्र में रबी सिंचाई की गई।
मंत्रि-परिषद् ने होशंगाबाद-हरदा जिले की तवा वृहद परियोजना के विस्तार, सुदृढ़ीकरण तथा आधुनिकीकरण कार्य संबंधी परियोजना के ईआरएम प्रस्ताव को स्वीकृति दी। परियोजना का कार्य 5 चरण में करने के लिए सैद्धांतिक सहमति दी गई। प्रथम चरण की लागत 89 करोड़ 91 लाख, द्वितीय चरण की लागत 225 करोड़, तृतीय चरण की 325 करोड़, चतुर्थ चरण की 75 करोड़ और पंचम चरण की लागत 500 करोड़ रुपये है। परियोजना के प्रथम चरण के कार्य राज्य शासन की निधि से करवाने के लिए 89 करोड़ 91 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति और निवेश निकासी की अनुमति दी गई।
टीकमगढ़ जिले की बानसुजारा वृहद परियोजना की 980 करोड़ 23 लाख रुपये की पुनरीक्षित
प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। परियोजना में बायीं तट नहर से टीकमगढ़ जिले में 53 हजार
579 हेक्टेयर के अतिरिक्त अब दायीं तट नहर से भी छतरपुर जिले में 5101 हेक्टेयर में
सिंचाई हो सकेगी। शाजापुर जिले की कछाल मध्यम परियोजना की 91 करोड़ 39 लाख रुपये की
पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। बड़ोद तहसील के ग्राम मदकोटा में कछाल नदी पर
प्रस्तावित इस परियोजना से शाजापुर जिले में 3170 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी सिंचाई
प्रस्तावित है।
छतरपुर जिले की बरियारपुर बायीं नहर परियोजना के कमांड क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन कार्यक्रम क्रियान्वयन परियोजना की 85 करोड़ 41 लाख 60 हजार रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। परियोजना की रूपांकित क्षमता 43 हजार 850 हेक्टेयर है। वर्ष 2012-13 में परियोजना से 34 हजार 500 हेक्टेयर भूमि में रबी सिंचाई की गई। अधिकतम सिंचाई लाभ के उद्देश्य से परियोजना की नहर प्रणाली की लाइनिंग की जा रही है। इससे केन नदी में प्रवाहमान जल वेग से नहर प्रणाली में आ रहा है, जिसके फलस्वरूप रबी सिंचाई के लिए परियोजना के सम्पूर्ण सैंच्य क्षेत्र में सिंचाई लाभ प्राप्त हो सकेगा। आज दी गई स्वीकृति के फलस्वरूप रुपांकित सिंचाई क्षमता का सम्पूर्ण दोहन हो सकेगा और अधिकतम उत्पादन तथा उत्पादकता प्राप्त करने का लक्ष्य पूरा होगा।
मंत्रि-परिषद् ने राजघाट नहर वृहद सिंचाई परियोजना की 389 करोड़ 36 लाख 28 हजार रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। यह मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की एक बहुउद्देश्यीय अंतर्राज्यीय परियोजना है। इसके अंतर्गत राजघाट बाँध का निर्माण बेतवा नदी पर मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले के ग्राम बढ़ेरा तथा उत्तरप्रदेश के ललितपुर जिले के ग्राम चौरसल के समीप किया गया है। वर्ष 2012-13 में परियोजना से एक लाख 74 हजार 746 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी सिंचाई की गई। परियोजना से मध्यप्रदेश के दतिया, भिण्ड, अशोकनगर, शिवपुरी तथा टीकमगढ़ जिले में सिंचाई होती है।
ब्याज अनुदान और कारीगर स्व-रोजगार योजना
मंत्रि-परिषद् ने मुख्यमंत्री ब्याज अनुदान योजना का अनुसमर्थन किया। हाथकरघा संचालनालय, रेशम संचालनालय, मध्यप्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम तथा मध्यप्रदेश माटी कला बोर्ड द्वारा स्व-रोजगार के इच्छुक हितग्राहियों को कुटीर एवं ग्रामोद्योग स्थापित करने के लिए बैंकों के माध्यम से वित्त पोषण स्वीकृत करवाया जाता है। उन्हें भवन, मशीनरी, कार्यशील पूँजी आदि के लिए बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत किया जाता है।
योजना के हितग्राहियों को मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना के अनुरूप 5 प्रतिशत ब्याज की दर से ब्याज अनुदान सहायता स्वीकृत की जायेगी। हितग्राहियों को 50 हजार तक की स्वीकृत परियोजना में देय ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान 5 वर्ष तक देय होगा। अनुदान की अधिकतम सीमा 2000 रुपये प्रतिवर्ष होगी। पचास हजार से अधिक और 5 लाख तक की स्वीकृत परियोजना में देय ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान 5 वर्ष तक दिया जायेगा। पूँजी लागत और कार्यशील पूँजी दोनों को मिलाकर अनुदान की सीमा अधिकतम 17 हजार रुपये प्रतिवर्ष होगी।
इसी तरह मुख्यमंत्री कारीगर स्व-रोजगार योजना में 10 हजार रुपये तक की इकाई के लिए 5000 रुपये तक मार्जिन मनी सहायता और शेष ऋण राशि 5000 पर बैंक को देय ब्याज के लिए शत-प्रतिशत अनुदान 5 वर्ष तक दिया जायेगा। दस हजार से 5 लाख तक की परियोजना लागत पर मार्जिन मनी सहायता दी जायेगी, जो परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अथवा 25 हजार रुपये, जो भी कम हो, रहेगी। बैंक से प्राप्त ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से 5 वर्ष तक ब्याज अनुदान अधिकतम 24 हजार रुपये प्रतिवर्ष देय होगा। शहरी कारीगरों के लिए यह योजना पहली बार लागू की गयी है।
ग्रामीण क्षेत्र के कारीगरों के लिए प्रोजेक्ट लागत 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। योजना में 10 हजार तक के ऋण जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध करवाने तथा 5000 रुपये मार्जिन मनी अनुदान का प्रावधान है। योजना में शैक्षणिक योग्यता का कोई बंधन नहीं है। हितग्राही की आयु 18 से 35 वर्ष होनी चाहिए।
26 September 2013
राज्य सरकार द्वारा गरीबों में भेदभाव को समाप्त करते हुए सामान्य वर्ग के निर्धन परिवारों के विकास और कल्याण की दिशा में सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग गठित कर आयोग की अनुशंसा पर विक्रमादित्य निःशुल्क शिक्षा योजना लागू की गई है। योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे के सामान्य निर्धन वर्ग के विद्यार्थियों को स्नातक स्तर पर निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करना है। योजना में निर्धन वर्ग के ऐसे विद्यार्थियों को स्नातक स्तर पर निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है, जिन्होंने 12 वीं बोर्ड परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये हो और उनके अभिभावकों की वार्षिक आय 42 हजार रुपए से कम हो।
14 September 2013
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के युवा 24 घंटे बिजली की उपलब्धता का फायदा उठाकर गाँव-गाँव में लघु और कुटीर उद्योग की स्थापना करें। उन्होंने कहा कि अटल ज्योति अभियान के जरिये मध्यप्रदेश की अर्थ-व्यवस्था की पूरी तस्वीर बदल जायेगी। प्रदेश की तरक्की के लिये सरकार ने खेती के अलावा रोजगार के दूसरे अवसर बढ़ाने के कारगर प्रयास किये हैं। श्री चौहान आज सिवनी में अटल ज्योति अभियान का शुभारंभ कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने एक अरब 81 करोड़ लागत के 50 निर्माण कार्य का लोकार्पण तथा भूमि-पूजन किया। साथ ही सिवनी शहर में नल-जल योजना के लिये 45 करोड़ रुपये देने की घोषणा भी की।
श्री चौहान ने कहा कि वर्ष 2003 में बिजली का संकट हुआ करता था। अब प्रदेशवासियों को 24 घंटे तथा किसानों को 10 घंटे सिंचाई के लिये बिजली मिल रही है। उन्होंने कहा कि इससे उद्योगों को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि सिंचाई क्षमता में वृद्धि हुई है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश की एक इंच जमीन भी बिना सिंचाई के नहीं रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़कों के बनाने का काम युद्ध-स्तर पर चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिवनी जिले में फोर-लेन का मार्ग प्रशस्त किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सिवनी में बीएससी नर्सिंग कॉलेज खोलने, शासकीय कन्या महाविद्यालय में मूल्य पर धान खरीदी के लिये 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने, सिवनी शहर में ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना के लिये डीपीआर तैयार करने, ग्राम-पंचायत छपारा को नगर परिषद बनाने के प्रयास करने के साथ ही सिवनी की सब्जी मण्डी के भू-भाटक माफी मामले का समुचित समाधान किये जाने की घोषणा की। उन्होंने समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन अंतर्गत सिवनी जिले में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने वाली जनपद पंचायत बरघाट, कुरई और धनोरा विकासखण्ड में ऑनलाइन पेंशन स्वीकृति तथा डायरेक्ट केश ट्रांसफर स्कीम का आगाज भी किया।
ऊर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि अटल ज्योति अभियान के शुभारंभ से सिवनी
जिले के 1574 गाँव में अँधेरे और बिजली कटौती का कलंक मिट जायेगा। उन्होंने कहा कि
सन् 2018 तक मध्यप्रदेश में 17 हजार 500 मेगावॉट बिजली क्षमता होगी। आगामी 3 जुलाई
तक प्रदेश के सभी जिलों में अटल ज्योति की सौगात दे दी जायेगी। इस मौके पर स्कूल शिक्षा
राज्य मंत्री श्री नानाभाऊ मोहोड़, राज्यसभा सदस्य श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, सांसद
श्री के.डी. देशमुख, विधायक श्रीमती नीता पटेरिया तथा श्रीमती शशि ठाकुर, श्री कमल
मर्सकोले, मध्यप्रदेश राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. ढाल सिंह बिसेन, महाकौशल विकास
प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री नरेश दिवाकर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मोहन सिंह चंदेल,
जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री अशोक टेकाम सहित अनेक जन-प्रतिनिधि मौजूद
थे।
3 September
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने ओबेदुल्लागंज में भूमि-पूजन एवं शिलान्यास समारोह
में कहा कि सरकार जनता की सेवा के लिए है। राज्य सरकार मानवीय दृष्टिकोण के साथ प्रदेश
का विकास और जनता के कल्याण के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि शहरों के विकास
के लिए मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास कार्यक्रम बनाया गया है। योजना में 2000 करोड़
रूपए की व्यवस्था की गई है। विभिन्न विकास कार्य का शिलान्यास किया। इसमें 17 करोड़
33 लाख की लागत से मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना, 2 करोड़ की लागत से मुख्यमंत्री शहरी
अधोसंरचना विकास के अन्तर्गत विकास कार्य तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का शिलान्यास
किया।
श्री चौहान ने कहा कि सरकार प्रदेश में सड़क एवं बिजली का जाल बिछा रही है ताकि विकास
गतिविधियों को बढ़ावा मिले और गाँव-गाँव में लघु एवं कुटीर उद्योग स्थापित हों। श्री
चौहान ने कहा कि प्रदेश तेजी से विकास कर रहा है। खेती को लाभ का धन्धा बनाने के लिये
किसानों को पर्याप्त बिजली दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को अब हर महीने
बिल नहीं देना होगा, उनके मीटर की रीडिंग नहीं होगी। किसानों से 1200 रूपए प्रति हार्स
पावर प्रतिवर्ष के हिसाब से लिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी वर्गों
के बच्चों को उच्च शिक्षा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सरकार ने उच्च शिक्षा ऋण योजना
बनाई जिसमें लोन की गारंटी भी प्रदेश सरकार दे रही है।
31 August
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को सीहोर जिले की नसरुल्लागंज तहसील के बाढ़ प्रभावित गाँवों अतरालिया, मंडी, सातदेव, चौरसाखेड़ी तथा छीपानेर में बाढ़ से हुई बर्बादी का जायजा नाव में सवार होकर लिया। श्री चौहान ने समयाभाव के चलते दोपहर का भोजन नौका में ही किया। सभी गाँवों में मुख्यमंत्री बाढ़ प्रभावितों से मिले और उन्हें आश्वस्त किया कि आपदा की इस घड़ी में राज्य सरकार और वह स्वयं उनके साथ हैं।
श्री चौहान ने कहा कि पूर्णतः नष्ट मकान के लिए 70 हजार, क्षतिग्रस्त मकान के लिए 50
हजार, तात्कालिक सहायता राशि 5 हजार, 50 किलो गेहूँ तथा 5 लीटर केरोसिन सभी प्रभावितों
को उपलब्ध करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नष्ट हुई फसल के सर्वे के निर्देश प्रशासन
को दे दिए गए हैं। फसल बीमा की राशि यथाशीघ्र उपलब्ध करवायी जाएगी। मुख्यमंत्री ने
कहा कि पालतू पशुओं/पक्षियों की बाढ़ से मृत्यु पर भी आरबीसी के प्रावधानों के अनुसार
राहत राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में केन्द्र सरकार की ओर
से किसी भी प्रकार की सहायता उपलध नहीं करवाई गई है लेकिन चिंता करने की जरुरत नहीं,
प्रदेश सरकार हर सुख-दुःख में प्रभावितों के साथ हैं।
20 August
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लगातार बिजली उपलब्ध रहने से प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था में सुधार होगा और लघु उद्योग स्थापित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास तथा प्रगति में कोई कमी नहीं छोड़ी जायेगी। असंभव को संभव करने की कोशिश जारी रहेगी। श्री चौहान आज छतरपुर में अटल ज्योति अभियान तथा मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का शुभारंभ कर रहे थे। श्री चौहान ने मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का शुभारंभ करते हुए प्रतीक स्वरूप 5 हितग्राही को सस्ते अनाज तथा नमक की किट प्रदान की। इस अवसर पर उपभोक्ता जागृति तथा पंचायत सम्मेलन भी हुआ।
श्री चौहान ने कहा कि गाँव-गाँव में बिजली उपलब्ध करवाने के बाद सरकार बिजली आधारित लघु तथा कुटीर उद्योग खोलने को बढ़ावा देगी, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के युवा अपने स्वयं के उद्योग स्थापित कर स्व-रोजगार से लिये पर्याप्त बिजली उपलब्ध करवाने के संकल्प को पूरा कर दिखाया है। श्री चौहान ने कहा कि दीन-दुखियों तथा गरीब की सेवा करना ही उनका कर्त्तव्य है। विकास का प्रकाश हर गरीब की झोपड़ी में पहुँचाने के लिये प्रयास जारी है। श्री चौहान ने कहा कि विकास की दृष्टि से मध्यप्रदेश को एक नम्बर राज्य बनाया जायेगा।
ऊर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि प्रदेश को विकसित राज्य बनाने के लिये
24 घंटे बिजली की उपलब्धता जरूरी है। इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं। उन्होंने
कहा कि अटल ज्योति अभियान से ग्रामीण क्षेत्र का अंधेरा दूर होगा। इस अवसर पर खाद्य,
नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री पारस जैन, विधायक श्रीमती ललिता यादव,
नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अर्चना गुड्डू सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम
में जिले के प्रभारी तथा अनुसूचित-जाति एवं आदिम-जाति कल्याण राज्य मंत्री श्री हरिशंकर
खटीक, सांसद श्री वीरेन्द्र खटीक, श्री जितेन्द्र सिंह बुंदेला, विधायक सर्वश्री रामदयाल
अहिरवार, मानवेन्द्र सिंह तथा श्रीमती रेखा यादव सहित अनेक जन-प्रतिनिधि मौजूद थे।जुड़
सकें। उन्होंने कहा कि सरकार ने 24 घंटे बिजली देने के कार्य को संभव कर दिखाया है।